Project 15B in Hindi- नौसेना का प्रोजेक्ट 15बी क्या है

समुद्री सीमा की रक्षा तथा समुद्र के रास्ते आने वाले खतरों एवं घुसपैठ जैसी समस्‍याओं से निपटने के उद्देश्‍य से सरकार द्वारा Project 15B in Hindiप्रोजेक्ट 15 बी की शुरूआत की गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत देश में स्वदेशी तकनीक की मदद से मजगांव डॉक शिपयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा चार युद्धपोतों का निर्माण किया जाना था। प्रोजेक्ट के अंतर्गत इन सभी युद्धपोतों को वर्ष 2020 से 2024 तक भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने का लक्ष्य रखा गया था।

Project 15B के अंतर्गत निर्मित प्रथम युद्ध पोत आई.एन.एस. विशाखापट्टनम का जलावतरण वर्ष 2015 में किया गया था। इसके पश्‍चात वर्ष 2016 में आई.एन.एस. मुर्गागोवा का जलावतरण किया गया। इसी प्रोजेक्‍ट के तहत तीसरा डिस्‍ट्रायर आई.एन.एस. इंफाल  को 20 अप्रैल 2019 को जलावतरण किया गया। Project 15B in Hindi के अंतर्गत निर्मित युद्धपोतों में आई.एन.एस. पोरबंदर चौथा विध्‍वंसक होगा, जो अभी निर्माण पक्रिया के दौर से गुजर रहा है। इस प्रोजेक्‍ट के तहत निर्मित किये जाने वाले चारों युद्दपोतों पर करीब 29 हजार करोड़ रूपए की लागत आने की संभावना व्यक्त की गयी थी।

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INS Imphal: Project 15B in Hindi

INS Imphal: Project 15B in Hindi
INS Imphal: Project 15B

Project 15B के तहत 20 अप्रैल 2019 को दोपहर 12:20 पर स्वदेशी तकनीकी से निर्मित तीसरे युद्धपोत आई.एन.एस. इंफाल (गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत) को मझगांव डॉक शिपयार्ड से समुद्र में जलावतरण किया गया। आई.एन.एस. इंफाल की कुल लंबाई 163 मीटर तथा चौड़ाई 17.4 मीटर रखी गई है। इस डिस्ट्रॉयर के निर्माण होने के बाद वजन 3037 टन है, लेकिन जब इसे अत्याधुनिक हथियारों तथा ब्रह्मोस जैसी सुपर सोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस किया जाएगा, तो इसका वजन बढ़कर 7300 टन हो जाएगा। आई.एन.एस इंफाल की समुद्र में गति 30 नॉटिकल मील प्रति घंटा रखी गई है। इस विध्‍वंसक में चार गैस टरबाइन इंजन का प्रयोग किया गया है।

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INS Imphal Project 15B की प्रमुख विशेषताएं

  • आई.एन.एस. इंफाल का निर्माण बेहतर सर्वाइवल, समुद्री क्षेत्र पर नजर रखने तथा दुश्मनों पर चुपके से वार करने जैसी कई खासियतों से लैस किया गया है।
  • यह विध्वंसक स्वदेशी तकनीक से निर्मित है। इसके अलावा इसे अत्याधुनिक हथियारों एवं सेंसरों से लैस किया गया है।  
  • यह युद्धपोत अपने साथ दो बहुउद्देशीय हेलीकाप्टरों को ले जाने तथा उनके संचालन में सक्षम है।
  • नवीन डिस्ट्रॉयर में रडार ट्रांसपेरेंट डेक फिटिंग की व्यवस्था की गई है, जो इसे दुश्मन की पकड़ में आने से बचाता है। यह विध्‍वसंक पोत वर्टिकल लांच मिसाइल सिस्टम से लैस होने की वजह से यह दूर तक मार करने में सक्षम है।
  • इसके माध्‍यम से जमीन, हवा तथा समुद्र तीनों स्थानों पर मिसाइलें दागकर दुश्मनों को तबाह किया जा सकता है।
  • इंडियन नेवी के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल द्वारा इस गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर के डिजाइन को तैयार किया गया है, जो अपनी श्रेणी में दूसरे देशों के युद्धपोतों को कड़ी टक्कर देता है। इस युद्धपोत को जल्दी ही नौसेना द्वारा आई.एन.एस. दिल्ली, आई.एन.एस. मुंबई, आई.एन.एस.  कोच्चि, आई.एन.एस. चेन्नई, आई.एन.एस. मैसूर तथा आई.एन.एस. कोलकाता की जमात में शामिल किया जाएगा।

INS Visakhapatnam

INS Visakhapatnam
INS Visakhapatnam

देश में निर्मित युद्दपोत आईएनएस विशाखापट्टनम को 20 अप्रैल 2015 को मुबंई के समुद्र में जलावतरण किया गया था। प्रोजेक्ट 15-बी(Project 15B in Hindi) के तहत इस युद्दपोत का निमार्ण मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तय समय सीमा के भीतर ही किया गया था। यह इस प्रोजेक्‍ट के तहत निर्मित पहला डिस्‍ट्रायर है। स्‍टील्‍थ टेक्‍नोलॉजी से लेस यह विध्‍वंसक पोत अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस होने के साथ ही दुश्‍मन की मिशाइलों को चकमा देने में भी सक्षम है। इसका निमार्ण स्‍टील्‍थ टेक्‍नोलॉजी से किया गया है। यह विध्‍वंसक एटमी, जैविक और रासायनिक हमले के के समय भी सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

INS Visakhapatnam की मुख्‍य विशेषताएं

  • युद्दपोत आईएनएस विशाखापट्टनम, कोलकाता क्लास के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक की अगली श्रृंखला का युद्दपोत है।
  • इस घातक डिस्ट्रॉयर जहाज के निमार्ण 65% स्‍वदेसी तकनीक से किया गया है। इसमें उपयोग में लाये जाने वाले ज्यादातर हथियार देश में ही निर्मित किए गये हैं।
  • इस डिस्‍ट्रॉयर 7,300 टन वजनी है। इसके अलावा इसमें आठ ब्रहोम्स मिसाइल लगाये गए हैं।
  • इस डिस्‍ट्रॉयर में 50 अधिकारी सहित 300 नौसेनिक आसानी से तैनात किए जा सकेंगे।
  • इस डिस्‍ट्रायर में टोटल एटमॉसफियर कंट्रोल सिस्टम (टीएसी) का प्रयोग किया गया है, इसके माध्‍यम से जहाज के भीतर आने वाली हवा एटमी, केमिकल और बायोलॉजिकल फिल्टर्स से फिल्‍टर होगी।
  • आई.एन.एस. विशाखापट्टनम को 127 मिलीमीटर गन से लैस करने के अलावा इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम को भी लगाया गया है।
  • इसमें प्रयोग किया गया धनुष के आकार का सोनार सिस्टम अलग तथा अत्याधुनिक है।
  • इस युद्धपोत का निर्माण इस प्रकार से किया गया है, जिससे यह बेहद खराब मौसम में बिना क्षतिग्रस्‍त हुए इस पर नौसेना के हेलिकॉप्टर लैंड कर सकने में सक्षम होंगे।
  • इस युद्धपोत में शिप डाटा नेटवर्क नाम का मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग किया गया है। इसका कार्य लड़ाई के दौरान एक ही स्‍थान पर सभी डेटा उपलब्ध कराना है।
  • इस डिस्‍ट्रॉयर को जमीन से हवा में मार करने वाली 32बराक 8मिसाइलों से लैस किया गया है।

INS Mormugao

INS Mormugao
INS Mormugao

सरकार द्वारा संचालित मजगांव डॉक शिपयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा प्रोजेक्‍ट 15बी(Project 15B in Hindi) के तहत निर्मित हाई टेक फीचर से लैस द्वितीय विध्‍वंसक जहाज मोरमुगाओ, को भारतीय नौसेना द्वारा वर्ष 2016 में समुद्र में जलावतरण किया गया था। यह पोत पूरी तरह स्वदेश में ही निर्मित किया गया था। मोरमुगाओ की ताकत और क्षमता इतनी बेहतरीन रखी गई है, कि यह किसी भी मिसाइल हमले को समय रहते ध्वस्त कर सकता है। यह एक लड़ाकू जहाज है, जिसे आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। भारतीय नेवी द्वारा इसका जरूरी परीक्षण करने के उपरांत इसे नेवी के बेड़े में शामिल किया गया है।

विध्‍वंसक INS Mormugao की मुख्‍य विशेषताएं

  • इस नवीन युद्धपोत का नाम मोरमुगाओ रखा गया है, इसका वजन 7300 टन है।
  • यह विध्‍वंसक 30 नॉटिकल माइल्‍स प्रति किलोमीटर की रफ्तार से समुद्र में चलने में सझम है।
  • यह आधुनिक हथियारों से लैस होने के साथ ही किसी भी मिसाइल हमले को समय रहते ध्वस्त कर सकता है।
  • इस जंगी जहाज को सतह से सतह, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल तथा ऐंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर आदि हथियारों से लैस किया गया है।
  • यह विध्‍वसंक पोत अपनी डेक पर दो जंगी हेलिकॉप्टर्स को साथ में ले जाने में सक्षम है।

Project 15B in Hindi main जानकारी आपके बहुत काम की होगी

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