URL Kya Hai?- Beginner to Expert Levels जानकारी

दोस्तों क्या आप जानते हैं URL Kya Hai आमतौर पर अधिकतर व्यक्ति किसी Website अथवा domain को URL मानते हैं. ये एक हद तक सही भी है लेकिन यदि हम इसे विस्तार से समझें तो हमें पता चलता है कि domain तो URL का सिर्फ एक हिस्सा है!

एक आम Internet user रोजाना internet में कोई भी resources access करने के लिए किसी भी रूप से सैकड़ों बार URL का उपयोग करता है. इसीलिये आपका ये जानना जरूरी है कि URL क्या है?

आज के इस आर्टिकल में हम सिर्फ इतना ही नहीं जानेंगे की URL क्या है बल्कि हम आपको इससे सम्बंधित और भी जानकारियां देंगे जैंसे कि URL कैंसे काम करता है तथा URL का full form क्या होता है आदि, जिससे कि आप अच्छे तरीके से URL के बारे में विस्तारपूर्वक समझ सकें!

URL Kya Hai in Hindi- URL क्या है?

URL Full Form – Uniform Resource Locator

Full Form of URL

यदि सीधे शब्दों में कहा जाए तो URL किसी web address को कहा जाता है. URL का उपयोग internet में स्थित किसी भी resource हो कहा जाता है. Internet में स्थित resources का अर्थ यहाँ पर internet में स्थित files images, websites, webpages, videos, texts आदि किसी भी तरह के resources से है!

हालांकि URL का उपयोग file transfer (FTP), mail to (email), database access आदि और भी अन्य रूपों में किया जाता है लेकिन हम यहाँ web URL के बारे में जानेंगे!

Parts of URL

दोस्तों जैंसा की Article की शुरुआत में हमने आपको बताया था कि Domain सिर्फ URL का सिर्फ एक हिस्सा है. अर्थात URL भी कुछ हिस्सों से मिलकर बना होता है. हम आपको हमारी website की एक image के URL के उदहारण से URL के parts को समझेंगे.

Example of URL

https://gyanportal.com/wp-content/uploads/2019/12/ऑनलाइन-पैसे-कैसे-कमाए-घर-बैठे_2-1024×576.png

अब हम इस URL के उदहारण के सभी हिस्सों को अलग अलग कर से समझेंगे –

https://

यहाँ पर “https” protocol है. Internet के किसी भी web resource को access करने के लिए http तथा https protocol का उपयोग किया जाता है!

यह Browser को दर्शाता है कि resource access करने के लिए किस protocol का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि internet के किसी भी web resource को access करने के लिए http तथा https protocol का उपयोग किया जाता है!

http का full form “Hyper Text Transfer Protocol” होता है वही “https” में s का अर्थ secure होता है. यह Browser को दर्शाता है http के द्वारा access किया जा रहा resource encrypted है या नहीं! https के बाद एक colon (:) तथा दो slashes (//) protocol को बाकी के URL से भिन्न करते हैं!

gyanportal.com/

https:// के बाद जो अगला हिस्सा है वो है “gyanportal.com” जो कि Domain name है. इसका जो gyanportal के बाद जो “.com” है वह domain suffix है. Domain suffix को TLD भी कहा जाता है!

TLD हजारों प्रकार के होते हैं तथा सभी का अलग अलग अर्थ निकलकर आता है. जैंसे कि “.com” commercial word का short form है, “in” india का, “.edu” education का. ऐंसे और भी बहुत सारे TLD हैं जिनका उपयोग website की location या फिर उसकी प्रकृति को दर्शाते हैं!

इसमें भी जो Slash (/) लगा हुआ है वह domain को बाकि के URL भिन्न करते हैं!

wp-content/

“https://gyanportal.com” इतना हमने समझ लिया है , इसके बाद “wp-content” आता है. यह एक Directory है जहाँ हमारी file store है. इसे हम आसान शब्दों में folder भी कह सकते हैं! यहाँ पर भी Slash (/) directory को बाकी URL से भिन्न करने के लिए है और URL में slash का उपयोग हमेशा इसीलिए किया जाता है.

uploads/2019/12/

जैंसे Mobile में folder के अन्दर जो folder होता है उसे sub folder कहा जाता है उसी तरह directory के अन्दर stored directory को “sub directory” कहा जाता है. Sub directories की संख्या जितनी ज्यादा बढती जाती है URL उतना ही लम्बा होता चला जाता है!
यहाँ पर “Uploads” एक directory है इसके बाद एक sub directory “2019” है और इसके अन्दर एक sub directory “12” है और ये सभी भी slash (/) के द्वारा एक दुसरे से भिन्न की गयी हैं!

ऑनलाइन-पैसे-कैसे-कमाए-घर-बैठे_2-1024×576.png

Final sub directory के अन्दर वह resource store रहता है जिसे हम access करना चाहते हैं. जैंसे यहाँ पर sub directory “12” के अन्दर image stored है जिसका नाम “ऑनलाइन-पैसे-कैसे-कमाए-घर-बैठे_2-1024×576.png” है! यहाँ पर .png file extension है जो की .htm, .jpg, .html, .php आदि और भी कुछ हो सकता है!

How Does URL Work – कैसे काम करता है?

इसे अच्छे तरीके से समझने के लिए हम बता दें कि सभी servers की अलग अलग IP होती है. चूंकि IP address numbers से मिलकर बना होता है जिसे याद रखना मुश्किल होता है तथा और भी अन्य कारणों की वजह से इसे आसान बनाने के लिए IP address को DNS की मदद से domain में point किया जाता है!

जब किसी URL को access किया जाता है तो browser domain name की IP देखता है DNS की मदद से. उसके बाद Browser server को “http” या “https” request send करता है. जिसके बाद server वापस browser को response देता है!

अंतिम शब्द :

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने ये तो बताया ही है कि URL क्या होता है? साथ ही हमने URL का structure क्या होता है तथा यह कैसे काम करता है यह भी जाना है, हम उम्मीद करते हैं ये

आर्टिकल आपको पसंद आया होगा तथा इससे आपको काफी मदद मिली होगी और आप URL के बारे में काफी अच्छे से समझ पाए होंगे!

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