भारतीय नौसेना द्वारा प्रोजेक्ट-75 के तहत निर्मित की गई स्कॉर्पीन श्रेणी की चौथी पनडुब्बी Indian Submarine Vela को 6 मई 2019 को मझगांव डॉकयार्ड से लांच किया। प्रोजेक्ट-75 के तहत देश में स्कॉर्पीन श्रेणी की छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है। जिसमें से Submarine Vela एक है। इसी प्रोजेक्ट के तहत पनडुब्बी खंडेरी, करंज तथा कलवरी को पहले ही लॉन्च किया जा चुका है।
इससे पूर्व दिसंबर 2018 के दौरान कलवरी पनडुब्बी को नौसेना की बेड़े में शामिल किया जा चुका है, जबकि पनडुब्बी खंडेरी तथा करंज को अगले माह नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने की संभावना है।
INS Vela- Indian Submarine Vela स्टील्थ क्षमता से लैस
प्रोजेक्ट-75 के तहत निर्मित की जाने वाली 6 स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियॉं भारत तथा फ्रांस की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना की कुल लागत 23650 करोड़ है। इस श्रेणी की पनडुब्बी डीजल तथा बिजली दोनों से समान रूप से चलने में सक्षम होंगी।
इस परियोजना से पूर्व डीजल संचालित पनडुब्बीओं का प्रयोग भारत द्वारा किया जाता रहा है। डीजल पनडुब्बियों को लंबी दूरी तक ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इस परेशानी से निजाद पाने के लिए समय-समय पर बेट्रियों का सहारा लेना पड़ता था। Indian Submarine Vela भारत तथा फ्रांस की संयुक्त परियोजना के तहत निर्मित चौथी पनडुब्बी है। इसके निर्माण में कुल लागत 4000 करोड़ रुपए आई है।
इस श्रेणी की पनडुब्बियां भारत के अलावा फ्रांस, चिली, मलेशिया तथा ब्राजील आदि देशों के पास मौजूद हैं। इस Indian Submarine Vela में प्रयोग किया गया न्यूक्लियर सिस्टम ज्यादा आधुनिक समझा जाता है।
इससे पूर्व अगस्त 1973 को नौसेना में वेला नाम की पनडुब्बी शामिल की गई थी। Submarine Vela द्वारा 37 वर्षों तक भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं प्रदान की गईं। वर्ष 2010 में इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना से रिटायर कर दिया गया।
Indian Submarine Vela देश की सबसे पुरानी पनडुब्बी थी। वेला नाम से ही यह दूसरी पनडुब्बी उमरगांव से जलावतरित की गई है।
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Scorpene Submarine Vela की विशेषताएं
- नवीन स्कॉर्पीन Submarine Vela आधुनिक मशीनों तथा प्रौद्योगिकी से लैस की गई है।
- इसकी कुल लंबाई 62 मीटर तथा चौड़ाई 6 मीटर रखी गई है।
- यह पनडुब्बी 37 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से समुद्र का सीना चीरते हुए आगे बढ़ने में सक्षम है।
- यह Submarine Vela अपने साथ 2000 टन क्षमता का भार परिवहन करने में सक्षम है।
- इस नवीन वेला पनडुब्बी की मारक क्षमता 12000 किलोमीटर है।
- इसे डीजल तथा बिजली दोनों के माध्यम से आसानी से संचालित किया जा सकता है।
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