क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे छोटे Chambal Sambhag का गठन श्योपुर, मुरैना तथा भिण्ड जिलों से किया गया है। क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे छोटा संभाग चंबल संभाग है। इस संभाग के तहत श्योपुर, मुरैना तथा भिण्ड (कुल 03 जिले) आते हैं। इस संभाग के अंतर्गत भौगोलिक दृष्टि से श्योपुर जिले का क्षेत्रफल 6606 वर्ग किलोमीटर, मुरैना जिले का क्षेत्रफल 4991 वर्ग किलोमीटर तथा भिण्ड जिले का कुल क्षेत्रफल 4459 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है।
आंकड़ों के आधार पर चंबल संभाग के तहत भौगोलिक आधार पर श्योपुर जिला सबसे बड़ा जिला है। संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भिण्ड जिले की जनसंख्या 1703005, मुरैना जिले की जनसंख्या 1091854 तथा श्योपुर जिले की जनसंख्या 1726050 दर्ज की गई है।
चंबल संभाग के श्योपुर जिले में 901 लिंगानुपात, भिण्ड जिले में 837 लिंगानुपात तथा मुरैना जिले में 920 लिंगानुपात दर्ज किया गया है। इन आंकडों के आधार पर इस संभाग के तहत सबसे कम लिंगानुपात भिण्ड जिले में दर्ज किया गया है।
चंबल संभाग के तहत मुरैना जिले में 75.69% साक्षरता, श्योपुर जिले में 57.4% साक्षरता तथा भिण्ड जिले में 75.26% साक्षरता दर दर्ज की गई है। इन आंकडों के आधार पर इस संभाग के अंतर्गत श्योपुर जिले में सबसे कम साक्षरता का प्रतिशत दर्ज किया गया है।
चंबल संभाग के अंतर्गत सिंध, कुंवारी, चंबल, आसन, कूनो, पार्वती, सीप तथा सांक आदि प्रमुख नदियां प्रवाहित होती हैं। इस संभाग के तहत दो लोकसभा क्षेत्र मुरैना तथा भिण्ड हैं। मुरैना लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुरैना तथा श्योपुर जिला को शामिल किया गया है।
Chambal Sambhag की रोचक जानकारी
- संभाग के तहत श्योपुर जिले का निर्माण वर्ष 1998 में मुरैना जिले से विभाजित कर किया गया।
- Chambal Sambhag का श्योपुर जिला प्रदेश में सर्वाधिक कुपोषित जिला कहलाता है।
- श्योपुर जिला अपनी काष्ठकला हेतु पूरे प्रदेश में पहचाना जाता है।
- यहॉं जिले में एशियाई सिंहों का संरक्षण, पालपुर कूनो वन्य जीव अभ्यारण में किया जा रहा है।
- संभाग के तहत भिंड जिला तथा जिले का गोहद क्षेत्र पदेश में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र कहलाता है।
- इसी जिले में प्रदेश में सबसे कम अनुसूचित जनजाति पाई जाती है। चंबल संभाग के अंतर्गत भिंड जिले की रौन तहसील जनसंख्या की दृष्टि से प्रदेश की सबसे छोटी तहसील है।
- इस संभाग के तहत मुरेना जिला चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है।
- इस जिले के तहत कछवाहा वंश राजा कीर्ति राज द्वारा बनवाया गया ककनमठ नामक शिव मंदिर स्थित है।
- यहीं देश के शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की याद में देश का पहला शहीद मंदिर का निमार्ण किया गया है।
- चंबल संभाग के मुरैना जिले के अंतर्गत प्रसिद्ध संत नागाजी का मेला का आयोजन होता है।
- मुरैना जिला देशभर में गजक के लिए मशहूर होने के साथ प्रदेश में सर्वाधिक सरसों उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है।
- चंबल संभाग में ही चंबल नदी पर घड़ियाल तथा डॉल्फिन का संरक्षण चंबल घड़ियाल अभ्यारण के तहत किया जा रहा है।
- Chambal Sambhag के तहत आने वाला भिंड जिला तथा जिले का गोहद क्षेत्र मध्य पदेश में सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र है।
- प्रदेश में भिण्ड जिले में ही सबसे कम अनुसूचित जनजाति पाई जाती है।
- इसके अलावा भिण्ड की रौन तहसील जनसंख्या की दृष्टि से प्रदेश की सबसे छोटी तहसील कहलाती है।
Chambal Sambhag Ke Jile
चंबल संभाग के तहत कुल 03 जिले आते हैं|
- मुरैना जिला
- भिण्ड़ जिला
- श्योपुर जिला
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