Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua aur kaise hua. मध्य प्रदेश राज्य का गठन वर्ष 1947 से 1956 में देश के आजाद होने के बाद चार भागों को मिलाकर किया गया। मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही| भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया| देश के आजाद होने के बाद सभी राज्य/रियासतों को चार भागों पार्ट-A, पार्ट-B, पार्ट-C तथा पार्ट-D में बांटा गया था।
पार्ट-D के अंतर्गत अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह को शामिल किया गया। ऐसे राज्य/रियासतें जो अंग्रेजों के अधीन थे तथा जिन्हें ब्रिटिश प्रांत के नाम से जाना जात था, उन्हें पार्ट-A में शामिल किया गया। इसके अलावा पार्ट-B तथा पार्ट-C में देसी रियासतों को शामिल किया गया।
वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के पश्चात मध्य प्रदेश नाम की कोई राज्य/रियासत नहीं था। मध्य प्रदेश राज्य का गठन चार भागों को मिलाकर किया गया था, इसलिए यह भी चार भागों में बंटा हुआ था। Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua chaliye starting se jante hai
सुरूआती दौर में राज्य के निमार्ण के समय पहला भाग सीपी एंड बरार नाम से जाना जाता था। सीपी तथा बरार के तहत वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य का पूरा हिस्सा तथा वर्तमान महाराष्ट्र का भी कुछ हिस्से को भी इसमें शामिल किया गया था।
इसे सेंट्रल प्रोविजंस एंड बरार के नाम से भी जाना जाता था, जिसकी राजधानी नागपुर रखी गई थी। देश की आजादी के बाद भारत को चार भागों में विभाजन के बाद सीपी एंड बरार, पार्ट-A का हिस्सा बनाया गया था।
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सीपी एंड बरार भाग में विदर्भ क्षेत्र के अंतर्गत महाराष्ट्र, महाकौशल के अंतर्गत जबलपुर वाला क्षेत्र, छत्तीसगढ़ की रियासतें तथा बघेलखंड की रियासतों को शामिल किया गया था। सुरूआती दौर में मध्यप्रदेश राज्य के गठन के समय दूसरे भाग के रूप में विंध्य प्रदेश को शामिल किया गया।
विंध्य प्रदेश के तहत रीवा, सतना, पन्ना आदि रियासतें शामिल थीं। विंध्य प्रदेश भी सीपी एंड बरार रियासतों का ही एक हिस्सा था, जिसे भी मध्यप्रदेश राज्य में शामिल किया गया। विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा हुआ करती थी। जिसे देश की आजादी के बाद पार्ट-C श्रेणी राज्य में रखा गया था। Keep Studying Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua.
मध्य प्रदेश राज्य का शेष भाग मध्य भारत के नाम से जाना जाता था, जिसकी दो राजधानियां हुआ करती थीं। मध्य भारत की राजधानी 6 महीने के लिए इंदौर तथा अगले 6 महीने के लिए ग्वालियर को बनाया जाता था।
मध्य भारत को देश के आजादी के दौरान पार्ट-B श्रेणी के राज्यों/रियासतों के अंतर्गत रखा गया था। चौथे भाग के तहत भोपाल रियासत को मध्यप्रदेश राज्य में शामिल किया गया था। इसकी राजधानी भोपाल रखी गई थी।
जिसे आजादी के तत्काल बाद मध्यप्रदेश राज्य में शामिल किया गया था। भोपाल रियासत देश के आजादी के दौरान पार्ट-C श्रेणी राज्यों के अंतर्गत शामिल किया गया था। इस रियासत में नवाबों का शासन हुआ करता था।
Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua- Points to be Remember:-
1956 से पूर्व म.प्र. ब्रिटिश काल में सेन्ट्रल प्रोविसेस और बरार नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता पश्चात म.प्र. को थी। स्टेट – A, B तथा C में बाँटा गया।
स्टेट राजधानियॉं
स्टेट A नागपुर (सेन्ट्रल प्रोविन्स तथा बरार में छत्तीसगढ और बघेलखंण्ड को मिलाकर पार्ट A (स्टेट A) बनाया गया।)
स्टेट B ग्वालियर, इन्दौर (पश्चिम की रियासतों को मिलाकर पार्ट B (स्टेट B) बनाया गया।) इसका नाम मध्य भारत रखा गया।
स्टेट C रीवा (उत्तर की रियासतों को मिलाकर पार्ट C (स्टेट C) बनाया गया, भोपाल पार्ट C का भाग था।)
स्टेट C भोपाल स्वतंत्र
महाकौशल क्षेत्र जबलपुर
मध्य प्रदेश का गठन की प्रक्रिया
वर्ष 1956 से सन 2000 के मध्य प्रदेश(MP Ka Gathan) का पुनर्गठन किया गया। वर्ष 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया। जिसके द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया। Keep Continue Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua.
मध्य प्रदेश के गठन के बाद राज्य की राजधानी भोपाल बनाई गई। प्रशासनिक दृष्टि से भोपाल केवल सीहोर जिले की एक तहसील हुआ करती थी, जिसे जिला नहीं बनाया गया था। वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद इसमें कुल 43 जिले बनाए गए थे।
इस दौरान मध्य प्रदेश में महाराष्ट्र के हिस्से के अंतर्गत शामिल जिलों को वापस महाराष्ट्र को दिया गया, जो कि सभी पार्ट-A के हिस्सा थे। इसके तहत अकोला, अमरावती, बुलढाना, यवतमाल, वर्धा, चांदा, नागपुर तथा भंडारा को तत्कालीन मुंबई राज्य का हिस्सा बनाया गया।
तत्कालीन मुंबई राज्य को गुजरात तथा महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा मिला कर बनाया गया था। इन सभी को छोड़कर बाकी शेष हिस्से को मध्यप्रदेश में मिला दिया गया। मध्य प्रदेश के पुन: निमार्ण के दौरान प्रदेश के मंदसौर जिले के सुनील टप्पा को राजस्थान को दे दिया गया तथा शेष भानपुरा तहसील को मध्यप्रदेश में शामिला किया गया।
देश की आजादी के दौरान बनाए गए पार्ट-C के पूरे भाग को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया। इसी के तहत राजस्थान के कोटा जिले के सिरोंज तहसील को मध्यप्रदेश में शामिल करते हुए विदिशा जिले में शामिल किया गया। Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua Iske Bare mai bahut jankari niche hai miss mat karna.
मध्य प्रदेश राज्य के गठन के बाद वर्ष 1972 में मध्यप्रदेश में 2 नए जिले बनाए गए। वर्ष 1972 में बनाए गए जिले के तहत पहला जिला भोपाल को तथा दूसरा जिला राजनांदगांव को बनाया गया। इस तरह से 26 नवंबर 1972 को मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 45 हो गई।
इसी क्रम में 25 मई 1998 को बीआर दुबे समिति का गठन किया गया। इसके द्वारा प्रदेश में 10 नए जिले बनाने की अनुशंसा की गई। वर्ष 1998 में ही एक और नई समिति सिंह देव समिति का गठन किया गया।
इस समिति द्वारा 6 नए जिले गठन करने की अनुशंसा की गई। इन दोनों समितियों के अनुशंसा के आधार पर 16 नए जिलों के गठन के बाद मध्य प्रदेश में कुल 61 जिले तथा 12 संभाग बनाए गए। वर्ष 1998 के दौरान क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था।
इस दौरान बनाए गए नवीन जिलों के अंतर्गत डिंडोरी, बड़वानी, नीमच, कटनी, श्योपुर तथा उमरिया वर्तमान मध्य प्रदेश में शामिल हैं तथा 10 जिले वर्तमान छत्तीसगढ़ में शामिल किए गए हैं। 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश का पुनः विभाजन करते हुए छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया, जो देश का 26वां राज्य बना। Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua aur Kaise ye Itna Bhi aasan nahi tha.
तत्कालीन मध्य प्रदेश से 16 जिलों तथा 2 संभाग को छत्तीसगढ़ में दिया गया। जिसके बाद मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या घटकर 45 रह गई। 15 अगस्त 2003 को मध्य प्रदेश में 3 नए जिलों का गठन किया गया।
इसके तहत खंडवा से बुरहानपुर, गुना से अशोकनगर तथा शहडोल से अनूपपुर को अलग करते हुए नए जिले बनाए गए। वर्ष 2008 में दो नए जिले अलीराजपुर को झाबुआ से अलग कर का नया जिला तथा सिंगरौली को सीधी से अलग करते हुए नए जिले बनाए गए।
अर्थात वर्ष 2000 से 2003 के दौरान कुल 5 नए जिले बनाए जाने के बाद मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या 50 हो गई। इसी कडी में वर्ष 2013 के दौरान एक और नए जिले का गठन शाजापुर से अलग करते हुए आगर मालवा नाम दिया गया। जो प्रदेश का 51वां जिला कहलाता है।
01 अक्टूबर 2018 को टीकमगढ़ जिले से पृथ्वीपुर, निवाड़ी एवं ओरछा तहसीलों को अलग करते हुए निमाड़ी नाम से नया जिला बनाया गया है। इस प्रकार अब वर्तमान मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 52 हो गई है तथा निमाड़ी को प्रदेश का 52वां जिला बनाया गया है। Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua ye to important hai lekin kuchh important dhayan se pad lo.
मध्य प्रदेश का गठन कब हुआ था Important Points
- वर्ष 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा के आधार पर 1 नवंबर 1956 को नवीन मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया।
- प्रशासनिक दृष्टि से सीहोर जिले की एक तहसील भोपाल को नवीन म.प्र. राज्य की राजधानी भोपाल बनाई गई।
- वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के बाद इसमें कुल 43 जिले बनाए गए थे।
- मध्य प्रदेश के अकोला, अमरावती, बुलढाना, यवतमाल, वर्धा, चांदा, नागपुर तथा भंडारा को तत्कालीन मुंबई राज्य का हिस्सा बनाया गया।
- मध्य प्रदेश के पुन: निमार्ण के दौरान प्रदेश के मंदसौर जिले के सुनील टप्पा को राजस्थान को दे दिया गया तथा शेष भानपुरा तहसील को मध्यप्रदेश में शामिला किया गया।
- राजस्थान के कोटा जिले के सिरोंज तहसील को मध्यप्रदेश में शामिल करते हुए विदिशा जिले में शामिल किया गया।
- वर्ष 1972 में बनाए गए जिले के तहत पहला जिला भोपाल को तथा दूसरा जिला राजनांदगांव को बनाया गया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 45 हो गई।
- 25 मई 1998 को गठित बीआर दुबे समिति की अनुशंषा पर 10 नए जिले तथा वर्ष 1998 में ही एक और नई समिति सिंह देव समिति का गठन की अनुशंषा के आधार पर 6 नए जिलों के गठन के बाद जिलों की कुल संख्या 61 हो गई।
- 1 नवंबर 2000 को 16 जिलों तथा 2 संभाग के साथ मध्य प्रदेश का विभाजित कर देश का 26 वां राज्य छत्तीसगढ़ बनाया गया।
- छत्तीसगढ़ के अलग होने से 1 नवंबर 2000 को म.प्र. में कुल जिलों की संख्या घटकर 45 रह गई।
नए जिलों का निमार्ण के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग |Madhya Pradesh Ka Gathan
राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन वर्ष 1953 ई. में फजल अली की अध्यक्षता में गठन किया गया। 01 नवम्बर 1956 को राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंषा के आधार पर नवीन म.प्र. राज्य का गठन किया गया। इसके तहत राज्य की सीमाओं में निम्न परिवर्तन किये गए:- Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua Ye bahut hi Teda sawal hai.
- बुलढाना, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भण्डारा चॉंदा को तत्कालीन मुम्बई राज्य महाराष्ट्र में शामिल किया गया।
- राजस्थान के कोटा जिले की सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिले में शामिल किया गया।
- शेष Part-B का हिस्सा वर्तमान म.प्र. का अंग है।
- Part-C State (विंध्य प्रदेश का पूरा भाग) वर्तमान मध्य प्रदेश में शामिल किया गया।
- भोपाल राज्य भी नवीन मध्य प्रदेश का हिस्सा बनाया गया।
- पूर्व में सिहोर जिले की एक तहसील, भोपाल को नवीन मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी बनाया गया।
- राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंषा के बाद निर्मित मध्य प्रदेश राज्य में कुल जिलों की संख्या 43 थी।
- 26 नवम्बर 1972 को – भोपाल और राजनांदगॉंव दो नए जिलों का गठन। (कुल जिलों की संख्या 45)
नए जिलों का निमार्ण एवं गठन हेतु बनाई गई समितियां
- वर्ष 1998 में बी.आर.दुबे समिति की अनुशंषा के आधार पर 10 नए जिलों का गठन किया गया। (कुल जिलों की संख्या – 55)
- वर्ष 1998 में सिंहदेव समिति की अनुशंषा के आधार पर 06 नए जिलों का गठन किया गया। (कुल जिलों की संख्या – 61)
31 अक्टूबर 2000 को म.प्र. राज्य को दो भाग में बांटते हुए 16 जिलों तथा 02 संभागों के साथ नवीन छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया। (देश का 26वॉं राज्य).
01 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य के गठन उपरान्त शेष मध्य प्रदेश राज्य में कुल शेष जिलों की संख्या 45 थी। Finally Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua is sawal ka jawab mil gaya hoga aapko.
Madhya Pradesh Ka Gathan Kab Hua Tha?
1 नवंबर, 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ|
MP Mai Kitne Jile Hai?
मध्य प्रदेश मैं कुल 52 जिले हैं|
Madhya Pradesh Ki Rajdhani Kaha Pe Hai?
भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है|
Madhya Pradesh Ki Jansankhya Kitni Hai?
मध्य प्रदेश की जनसँख्या 7.33 करोड़ हैं
Madhya Pradesh Me Kitne Sambhag Hai?
अभी 10 है पर आगे 11 हो सकते हैं। सतना को संभाग बनाया जा सकता है
Madhya Pradesh Ka क्षेत्रफल कितना है?
308,252 Km²
3 नये जिलों का गठन किया गया वर्ष 2003 में । (कुल जिलों की संख्या- 48)
- खंडवा से बुरहानपुर जिला गठन किया गया।
- शहडोल से अनूपपुर जिला का गठन किया गया।
- गुना से अशोकनगर जिले का गठन किया गया।
02 नये जिलों का गठन किया गया वर्ष 2008 में । (कुल जिलों की संख्या – 50)
- झाबुआ से अलीराजपुर जिले का गठन किया गया।
- सीधी से सिंगरौली जिले का गठन किया गया।
वर्ष 2013 में
- शाजापुर से आगर-मालवा को अलग करते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक नवीन आगर-मालवा जिला का गठन किया गया। (कुल जिलों की संख्या – 51)
01 अक्टूबर 2018
- टीकमगढ़ से निवाड़ी को अलग करते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक नवीन निवाड़ी जिला का गठन किया गया। (कुल जिलों की संख्या – 52)
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Sir chhattisgarh 3 sambhav lekr alg hua tha