रूस ने अपनी सैन्य सामग्री निर्माण क्षमताओं के आधार पर अपनी सैन्य ताकत में इजाफा करते हुए दुनिया की सबसे लंबी Russian Submarine Belgorod का निर्माण किया है। इस नवीन पनडुब्बी का नाम रूस द्वारा बेलगोरोड रखा गया है। विशेषज्ञों के अनुसार इसे विश्व की सबसे लंबी पनडुब्बी होने के साथ ही दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बी माना जा रहा है।
Russian Submarine Belgorod पर तैनात कप्तान सीधे तौर पर रूस के राष्ट्रपति से निर्देश प्राप्त करेगा तथा यह पूरी तरह से रूस के राष्ट्रपति के नियंत्रण में रहेगी। रूस ने इस नवीन पनडुब्बी को अपने नौसैनिक बेड़े में शामिल किया गया है।
रूस इस पनडुब्बी का सैन्य परीक्षण वर्ष 2020 से करेगा तथा इसके अलावा इस पनडुब्बी को रणनीतिक तौर पर वर्ष 2021 में रूसी सेना में शामिल किया जाएगा।
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Russian Submarine Belgorod ki की विशेषताएं Hindi में
- Russian Submarine Belgorod की कुल लंबाई 604 फीट है, जो विश्व की सबसे लंबी पनडुब्बी मानी जा रही है।
- नवीन पनडुब्बी को 79 फीट लंबे 6 परमाणु युक्त टॉरपीडो पोसेइडोन या कैनयोन से लैस किया गया है। इनमें से किसी एक भी परमाणु टारपीडो का प्रयोग यदि रूस द्वारा किसी शहर पर किया जाता है, तो वह शहर पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
- इसके अलावा Submarine Belgorod पर तैनात परमाणु टारपीडो में से किसी एक का भी प्रयोग यदि बीच समुद्र में किया जाता है, तो इसके परिणाम स्वरुप समुद्र में सुनामी पैदा होगी, जिससे समुद्र का जलस्तर लगभग 300 फीट की ऊंचाई तक उठेगा।
- इसके परिणाम स्वरूप समुद्र में उत्पन्न सुनामी जापान में आई सुनामी से भी कई गुना अधिक तबाही लाने में सझम होगी।
- इसके अलाव सबमरीन बेलगोरोड परमाणु टारपीड़ो से उत्पन्न होने के कारण यह सुनामी रेडियोएक्टिव विकरण से युक्त होगी। इसकी वजह से इसके चपेट में आया शहर कई सदियों तक तबाह व बरबाद रहेगा।
- Russian Submarine Belgorod में तैनात किए गए 6 टारपीडो में से प्रत्येक टारपीडो अपने साथ दो मेगा टन परमाणु ले जाने में सक्षम है।
- इस परमाणु की क्षमता जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की क्षमता से भी 130 गुना अधिक है।
- Submarine Belgorod की समुद्र में अधिकतम रफ़्तार 80 मील प्रति घंटा है।
- नवीन पनडुब्बी में इतनी खासियतें मौजूद हैं, जिसकी वजह से इसे रूस की अंडर वाटर इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम से भी संबोधित किया जा सकता है।
- यह पनडुब्बी समुद्र के अंदर लगभग 1700 फीट की गहराई तक जाने में सक्षम है।
- इसमें मौजूद विशेषताओं के कारण यह पनडुब्बी सोनार जैसे समुद्री रडार की पकड़ में नहीं आ सकेगी।
- Submarine Belgorod पर मौजूद लोग गहराई में पहुंचकर समुद्र के तल की मैपिंग भी कर सकेंगे।